माँ दुर्गा की पूजा कैसे करें? दुर्गा मंदिर में कौन सा दीपक जलाना चाहिए?

माँ दुर्गा की पूजा कैसे करें? माँ दुर्गा को लाल रंग अति प्रिय है। माता की पूजा लाल रंग के पुष्प, लाल रंग की चुनरी, लाल चंदन, लाल वस्त्र इत्यादि के साथ करना चाहिए। जो व्यक्ति मां की पूजा कर रहा हो वह भी लाल वस्त्र ही धारण करें।

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माँ दुर्गा की पूजा कैसे करें?
माँ दुर्गा की पूजा कैसे करें?

शारदीय नवरात्र के मौसम में भक्तगण मां भगवती दुर्गा की आराधना करते हैं। माँ दुर्गा की पूजा विधि-विधान और सच्चे मन से करने से व्यक्ति की समस्त इच्छाएं पूर्ण होती है। शारदीय नवरात्र के 9 दिनों में माता के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है। मां भगवती दुर्गा इन सभी रूपों में भक्तों का कल्याण करती हैं। प्रथम शैलपुत्री रूप से लेकर कालरात्रि रूप तक माता के सभी रोग अत्यंत ही प्रिय और मनोवांछित फल प्रदान करने वाली हैं।

माँ दुर्गा की पूजा कैसे करें?

माँ दुर्गा को लाल रंग अति प्रिय है। माता की पूजा लाल रंग के पुष्प, लाल रंग की चुनरी, लाल चंदन, लाल वस्त्र इत्यादि के साथ करना चाहिए। जो व्यक्ति मां की पूजा कर रहा हो वह भी लाल वस्त्र ही धारण करें। शुक्रवार का दिन शक्ति का दिन होता है। इसलिए माँ दुर्गा की पूजा का शुभ दिन शुक्रवार माना जाता है। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि आप भगवती दुर्गा के मंत्रों का जाप कर रहे हैं तो उन्हें सही तरीके से करें।

मंत्रों के जाप में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें और अच्छे से इसके बारे में जानकारी प्राप्त करें। गलत तरीकों से मंत्र जाप करने से जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अंतर का गलत उपयोग करने से कई बार जीवन बर्बाद हो सकता है। इसलिए भगवती माँ दुर्गा की पूजा करते वक्त मंत्र का जाप सावधानी से करना चाहिए।

जल का प्रयोग – नवरात्रि में भगवती दुर्गा की पूजा करते समय जल देने का विधान है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो भी जल आप दे रहे हों, उस में गंगाजल की बूंद जरूर मिला दें। यदि संभव हो तो गंगाजल ही अर्पित करें।

कलश की स्थापना – कलश की स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। माता की उपासना के लिए स्वर्ण, चांदी या तांबा का निर्मित कलश का प्रयोग उत्तम माना जाता है। हालांकि इन सब में मिट्टी के कलश सर्वोत्तम होते हैं। मिट्टी का कलश शुद्ध और पवित्र होता है। ऐसे में जहां तक संभव हो सके मिट्टी का कलश ही प्रयोग में लाएं।

रंगोली – मां भगवती की पूजा करते समय जो आप रंगोली बनाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें चाहिए देवी दुर्गा की पूजा के लिए अलग से आसन लगाएं और वहां पर चौक यानी रंगोली बनाएं। उसी जगह पर कलश स्थापना करनी चाहिए और अखंड ज्योति जलानी चाहिए। इस दौरान चंदन, धूप, दीप, हवन और नैवेद्यार्पण सभी में जल का प्रयोग करना चाहिए। इसके बाद देवी के सामने जल रखें और इसे ढक लें।

चंदन का प्रयोग – माँ दुर्गा की पूजा के लिए हमेशा लाल रंग के चंदन का ही प्रयोग करना चाहिए। यदि आप रोली का प्रयोग कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसका रंग भी लाल होना चाहिए।

अक्षत का प्रयोग – नवरात्रि में पूजन के लिए अक्षत का प्रयोग किया जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अक्षत का प्रयोग बड़ी ही सावधानी से करनी चाहिए। आप जो भी चावल ले रहे हैं तो तो ध्यान रखें कि चावल का दाना टूटा ना हो। पूजा में उपयोग से पहले चावल को धोकर रख लेंं।

पुष्प का प्रयोग – माँ दुर्गा की पूजा के लिए पुष्प का प्रयोग करना चाहिए। देवी को लाल रंग प्रिय है इसलिए लाल रंग का फूल ही देवी को अर्पित करना चाहिए। मां दुर्गा को कमल, गुड़हल, गुलाब, गेंदा का फूल चढ़ा सकते हैं। लेकिन सभी फूलों का रंग लाल होना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि नवरात्र के दौरान शास्त्रों के अनुसार, कनेर, धतूरा और मदार का पुष्प वर्जित होता है।

धूप का प्रयोग – माँ दुर्गा की पूजा के लिए धूप का प्रयोग किया जाता है। पूजा के समय धूप दानी में पहले अंगारे को रख लेना चाहिए। उसके बाद उसमें कुछ हवन सामग्री छिड़कना चाहिए। अंगारों पर मिश्रण छिड़क कर पूरे घर में धूप दिखाना चाहिए। इससे आपके घर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाएगी।

दीपक का प्रयोग – माँ दुर्गा की आराधना में दीपक का बड़ा ही महत्व है। बिना दीपक के मां भगवती की पूजा अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि के समय में गाय के घी का दीपक का प्रयोग सबसे उत्तम माना जाता है। लेकिन कई बार ऐसा संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में तिल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

माँ दुर्गा को अर्पित किए जाने वाले दीपक में सरसों तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि यहां पर इस बात का ध्यान रखें कि यदि आप घी का दीपक जला रहे हैं तो इसे मां भगवती के दाएं हाथ की ओर रखें। यदि आप सरसों तेल का दीपक जला रहे हैं तो मां भगवती की बाएं हाथ की ओर रखें।

नैवेद्य का प्रयोग – मां भगवती की पूजा करते समय भोग लगाना जरूर चाहिए। देवी दुर्गा को भोग लगाना महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्र में मां भगवती दुर्गा को नैवेद्य का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा फल का प्रयोग भी कर सकते हैं। लाल रंग से बनी हुई हलवा, मेवा, मावा, लाल रंग की मिठाई इत्यादि का भोग भी लगा सकते हैं। यदि आप इन सभी चीजों को घर में ही तैयार करते हैं तो अति उत्तम। क्योंकि आज के समय में बाहर की सामग्री पर आंख बंद कर विश्वास नहीं किया जा सकता।

माँ दुर्गा की पूजा के लिए विशेष सामग्री

मां भगवती दुर्गा की पूजा के लिए ऊपर लिखित सामग्री के अलावा विभिन्न प्रकार के फल, नारियल, केला, अनार, नारंगी, कटहल इत्यादि को भेंट करना चाहिए। इसके साथ साथ सच्चे मन और भक्ति भाव से अन्न का दान करना चाहिए। ऐसा करने से माता प्रसन्ना होती हैं और भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

नवरात्र पूजन के लिए विशेष सामग्री में पान, सुपारी, सिंदूर, अबीर, रोली, गुलाल, गुड़, नधु, दूध, दही, घी, कपूर, दूर्वा, फूल, कपास, पंचमेवा, बिल्वपत्र, ऋतु फल, कच्चा सूत, कुश, कलश, दीया, ढकना, द्रव्य इत्यादि का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा पुरोहित या आचार्य के लिए धोती, गमछा, चादर, पंचपात्र, सौभाग्य द्रव्य, साड़ी, हवन आदि का प्रयोग उचित माना जाता है।